संकुल संगठन में 31 लाख रुपये का गबन उजागर – ‘बिहान’ मिशन में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, दोषियों को कारण बताओ नोटिस जारी

कवर्धा | छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के तहत एक बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला सामने आया है। ‘सत्यमेव जयते संकुल संगठन पंडरिया’ में ₹31 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हुई है। जिला पंचायत कार्यालय की जांच में यह खुलासा हुआ कि सरकारी राशि को योजनाबद्ध ढंग से व्यक्तिगत लाभ के लिए नियमों को ताक पर रखकर निकाला गया।
💰 भ्रष्टाचार की परतें खुलीं, दस्तावेजों में दर्ज अनियमितताएं
जिला पंचायत द्वारा गठित 5 सदस्यीय जांच दल ने शिकायतों की पुष्टि करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में जिन प्रमुख वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया गया है, वे इस प्रकार हैं:
- पी.आर.पी. नसीमा खान को ₹6 लाख की नगद राशि गैरकानूनी तरीके से दी गई।
- पूर्व पी.आर.पी. तामेश्वरी निषाद को भी ₹1.30 लाख की नियम विरुद्ध निकासी की गई।
- संकुल संगठन की अध्यक्ष सुनीता मानिकपुरी ने ₹3.85 लाख और सचिव इंदू ने ₹1.95 लाख की राशि स्वयं के लिए निकाली, जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ पाई गई।
इन तीनों स्तरों की अनियमितताओं को मिलाकर कुल ₹31 लाख की राशि का सरकारी धन में गबन दर्ज किया गया है।

⚠️ सरकारी पैसे की खुली लूट, दोषियों को चेतावनी
जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत कार्यालय ने संबंधित व्यक्तियों को 7 दिन के भीतर राशि जमा करने का अंतिम मौका दिया है। इसके साथ ही उन्हें स्वतः उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय-सीमा में राशि जमा नहीं की गई, तो— संबंधितों पर वसूली की कार्रवाई, संपत्ति कुर्की एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।

प्रशासन ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
📌 मिशन की साख पर सवाल
जिस ‘बिहान’ मिशन के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा गया था, वहीं अब भ्रष्टाचार का अड्डा बनता दिख रहा है। लाखों रुपये की सरकारी राशि को ऐसे ठिकानों पर गबन किया जाना न केवल शासन की योजनाओं की साख को ठेस पहुंचाता है, बल्कि ग्रामीण विकास की जड़ों को खोखला करता है।
🧭 क्या कहता है प्रशासन?
प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीर वित्तीय अपराध मानते हुए, दोषियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही बाकी ग्राम संगठनों में भी ऑडिट और निरीक्षण बढ़ाने के संकेत दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।