फर्जी वोटर्स कांड: भाजपा की शिकायत पर कवर्धा में दो के खिलाफ एफआईआर, जांच शुरू

कवर्धा। कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े जाने के मामले ने एक बार फिर राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे प्रकरण को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की साजिश बताते हुए दो व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि यह पूरा मामला पूर्ववर्ती सरकार के प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से रचा गया था।
शनिवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रवि राजपूत ने स्थानीय सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता कर खुलासा किया कि विधानसभा चुनाव के दौरान सैकड़ों बाहरी व्यक्तियों के नाम कवर्धा विधानसभा की मतदाता सूची में अवैध रूप से जोड़े गए। भाजपा नेताओं के अनुसार यह कार्य तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर के करीबी सहयोगियों के प्रभाव में हुआ।
उन्होंने बताया कि तैय्यब खान और रमिज कुट्टी नामक दो व्यक्तियों ने झूठी जानकारी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कवर्धा में मतदाता के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया, जबकि दोनों पहले से ही रायपुर क्षेत्र की मतदाता सूची में पंजीकृत थे। मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच में आरोपों को सही पाया और दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 199, 200, 419, 468 और 34 के तहत 27 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की है।
एएसपी पुष्पेंद्र बघेल ने पुष्टि करते हुए कहा, “मतदाता सूची में फर्जी नाम जुड़वाने के संबंध में रमिज कुट्टी और तैय्यब खान के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई थी। जांच उपरांत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आगे की कार्रवाई जारी है।”
भाजपा नेताओं ने इसे चुनावी पारदर्शिता के लिए गंभीर खतरा बताते हुए प्रशासन से व्यापक जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है। कैलाश चंद्रवंशी ने कहा, “यदि बाहरी लोग फर्जी तरीके से कवर्धा की मतदाता सूची में नाम जुड़वाएंगे तो यह केवल राजनीति नहीं, बल्कि समाज के भविष्य का प्रश्न बन जाएगा।”
इस घटनाक्रम से जिले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा इसे लोकतंत्र की नींव पर चोट बता रही है, वहीं अब नजरें प्रशासन की जांच रिपोर्ट और संभावित राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर टिकी हैं।


