22 अक्टूबर से पांडातराई में बहेगी श्रीमद्भागवत कथा की संगीतमय गंगा, वृंदावनधाम के श्री नृसिंहदेव गोस्वामी जी महाराज करेंगे प्रवचन, आठ दिवसीय कथा में उमड़ेगी भक्ति की धारा

कवर्धा। धर्म, भक्ति और संस्कारों से सराबोर पांडातराई क्षेत्र 22 अक्टूबर से श्रीमद्भागवत कथा की पावन धारा में डुबकी लगाने जा रहा है। सिद्धपुर नवागांव स्थित पाठक परिवार द्वारा बैकुंठवासी पं. आशुतोष पाठक के वार्षिक श्राद्ध निमित्त आयोजित यह आठ दिवसीय कथा 22 से 29 अक्टूबर तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से आरंभ होगी।
कथा व्यास के रूप में वृंदावनधाम (मथुरा) के श्री राधारमणलाल जी मंदिर के सेवाधिकारी एवं प्रसिद्ध कथा वाचक परम पूज्य श्री नृसिंहदेव गोस्वामी जी महाराज अपने सुमधुर वाणी से श्रीकृष्ण चरित्र, भक्ति, धर्म और मोक्ष के अद्भुत प्रसंगों का रसपान कराएंगे। ज्ञात हो कि वृंदावनधाम के ठाकुर श्री राधारमण जी, जो 483 वर्ष पूर्व शालिग्राम शिला से स्वयं प्रकट हुए थे, आज भी भक्तों के आराध्य के रूप में पूजे जाते हैं।
कथा के प्रथम दिवस (22 अक्टूबर) को जल यात्रा एवं वेदी पूजन के साथ कथा का शुभारंभ होगा, जिसमें गोकर्णोपाख्यान, परीक्षित जन्म और वराह अवतार के प्रसंगों से कथा आरंभ की जाएगी।
आगामी दिनों में कथा का क्रम निम्नानुसार रहेगा —
- 23 अक्टूबर: मनुवंश वर्णन, ध्रुव कथा, कपिल उपाख्यान, सती चरित्र।
- 24 अक्टूबर: भरत चरित्र, अजामिलोपाख्यान, भक्त प्रह्लाद कथा।
- 25 अक्टूबर: गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन, वामन अवतार, श्रीराम कथा एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव।
- 26 अक्टूबर: बाललीला, श्री गिरिराज पूजन, रासलीला और श्री रुक्मिणी मंगल।
- 27 अक्टूबर: भगवान के अन्यान्य विवाह, प्रद्युम्न जन्म, सुदामा चरित्र।
- 28 अक्टूबर: योगेश्वर संवाद, अवधूतोपाख्यान, परीक्षित मोक्ष और चढ़ोत्तरी।
- 29 अक्टूबर: गीता पाठ, श्री विष्णु सहस्रनाम, हवन, कपिला तर्पण और पूर्णाहुति के साथ कथा का समापन।
कथा के शिष्य कीर्तन शुक्ला ने बताया कि आयोजन स्थल को भव्यता से सजाया जा रहा है। हर दिन कथा पंडाल में भजन, संकीर्तन और हरिनाम का वातावरण भक्तिमय रंग बिखेरेगा।
आयोजन समिति में श्रीमती दीपांजलि पाठक, श्रीमती वर्षा परितोष पाठक, श्रीमती विभा नंदीघोष पाठक, श्रीमती सोमी सुघोष पाठक, श्रीमती प्रियंका सोमेश पाठक सहित पूरा पाठक परिवार भक्तजनों से सपरिवार पधारकर कथा श्रवण कर दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का आग्रह कर रहा है।
पांडातराई और आसपास के ग्रामीण अंचलों में इस आयोजन को लेकर भक्तों में उत्साह का माहौल है। क्षेत्र में पहली बार वृंदावनधाम के ख्यातनाम कथा व्यास के आगमन को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। दीपावली के पावन अवसर के पूर्व यह कथा श्रृंखला क्षेत्र में भक्ति, संस्कार और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम बनने जा रही है।


