कवर्धा विशेषचर्चा में हैछत्तीसगढ़ प्रादेशिक

गन्ना भुगतान को लेकर उबाल — हजारों किसानों ने किया पंडरिया SDM कार्यालय का घेराव, पुलिस से झूमाझटकी

कवर्धा। गन्ने के बकाया भुगतान सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को जिला किसान कांग्रेस के नेतृत्व में हजारों किसानों ने पंडरिया SDM कार्यालय का घेराव कर दिया। आंदोलन के दौरान किसानों और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी हुई, जिससे माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया। किसानों ने सरकार और शक्कर कारखाना प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए 10 दिन के भीतर भुगतान नहीं होने पर मुख्यमंत्री आवास घेराव की चेतावनी दी।

सभा की अगुवाई छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने की। उन्होंने मंच से कहा, “पंडरिया के किसान अपने ही परिश्रम का मूल्य पाने के लिए दस महीनों से दर-दर भटक रहे हैं। यह भाजपा सरकार की संवेदनहीनता का चरम है। अगर 10 दिन में गन्ने का पूरा भुगतान नहीं हुआ, तो रायपुर में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा।”

मिश्रा ने आरोप लगाया कि प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार में किसानों की हालत लगातार बदतर होती जा रही है। गन्ना, जो इस क्षेत्र की रीढ़ है, उसी का उत्पादन करने वाले किसान आज कर्ज और परेशानियों के बोझ तले दबे हुए हैं।


“किसानों का दर्द मेरा दर्द” — रवि चंद्रवंशी

जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष रवि चंद्रवंशी ने किसानों की व्यथा को अपनी आवाज दी। उन्होंने कहा, “मैं किसान का बेटा हूं, किसानों का दर्द मेरा दर्द है। आज गन्ना बेचने के दस महीने बाद भी हमारे हाथ खाली हैं। बिजली बिल बढ़ गए, राजस्व विभाग में मामूली सुधार के लिए महीनों की पेशी लगती है — यह सब भाजपा सरकार की विफलता का परिणाम है।”

उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान न ले। जिस दिन किसान सड़कों पर उतर आए, उस दिन सत्ता की कुर्सियां हिल जाएंगी।”


400 गुड़ फैक्ट्रियां देती हैं नगद भुगतान, पर सरकारी शक्कर कारखाने बेहाल

पंडरिया क्षेत्र में गन्ना प्रमुख फसल है। जिले में दो शासकीय शक्कर कारखाने और करीब 400 से अधिक गुड़ फैक्ट्रियां संचालित हैं। गुड़ फैक्ट्रियों में गन्ना बेचने के तुरंत बाद किसानों को नगद भुगतान मिल जाता है, जबकि सहकारी शक्कर कारखानों में किसानों को 10 महीने बाद भी अपने भुगतान का इंतजार है।

विपक्षी दलों और किसान संगठनों द्वारा पूर्व में कई बार कारखाना घेराव, आंदोलन और चक्का जाम किए जा चुके हैं, पर स्थिति जस की तस बनी हुई है।


किसानों की भीड़ और कांग्रेस की लामबंदी

आमसभा और घेराव कार्यक्रम में जिले और प्रदेश के किसान कांग्रेस पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रदेश संगठन महामंत्री अकील हुसैन, जिला कांग्रेस अध्यक्ष होरी साहू, वरिष्ठ नेता दीपक पांडे, झम्मन बघेल, जोगेंद्र पांडे, नीलकंठ चंद्रवंशी सहित सैकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहे।

सभा के अंत में किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री के नाम 9 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन SDM को सौंपा, जिसमें गन्ना भुगतान, राजस्व मामलों के सरलीकरण, बिजली बिल सुधार और किसान हितैषी नीतियों की मांग प्रमुख रही।


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