आबकारी विभाग पर “हफ्ता वसूली” का आरोप: दुकानदार बोले—1000 रुपए नहीं दिए तो दुकान जलाने की धमकी!

कवर्धा। जिले में आबकारी विभाग की कार्यशैली को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। पान-चखना और छोटी दुकानों के दर्जनों संचालकों ने आबकारी निरीक्षकों पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए प्रशासन के समक्ष सामूहिक शिकायत दर्ज कराई है। दुकानदारों का कहना है कि विभाग के अधिकारी रोजाना 1000 रुपए की मांग कर रहे हैं, न देने पर तोड़फोड़ और आग लगाने जैसी धमकियां दी जा रही हैं।
अधिकारियों के नाम भी उजागर
शिकायत में आबकारी निरीक्षक गीता साहू, अभिनव रायजादा और इम्तियाज खान के नाम सामने आए हैं। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि ये अधिकारी हर दिन दुकानों में आकर बिना किसी वैधानिक दस्तावेज के वसूली कर रहे हैं।
कोरे कागज पर जबरन हस्ताक्षर, चालान में खेल
व्यापारियों का दावा है कि इन अधिकारियों द्वारा कोरे कागज पर जबरन हस्ताक्षर करवाकर मनमाने चालान बनाए जा रहे हैं। चालान पर दिखावे के लिए कम राशि अंकित की जाती है, जबकि वसूली की रकम कई गुना अधिक होती है।
छोटी दुकान, बड़ा शोषण
अधिकांश दुकानदार डिस्पोजल, पानी पाउच, चना-मुर्रा जैसी छोटी वस्तुएं बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि –
“हम दिनभर मेहनत कर ₹200-300 कमाते हैं, लेकिन आबकारी वाले रोजाना ₹1000 वसूलने आते हैं। मना करो तो धमकी देते हैं कि दुकान फूंक देंगे।”
डर के साए में व्यापारी, शिकायत करने पर धमकी
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि जब दुकानदार अधिकारियों की वसूली के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो उन्हें उल्टा कार्रवाई में फंसाने की धमकी दी जाती है। ऐसे में व्यापारी भयभीत हैं और कारोबार बंद करने की नौबत आ गई है।
प्रशासन से की न्याय की गुहार
सभी पीड़ित दुकानदारों ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कलेक्टर कबीरधाम और शासन से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या जिला प्रशासन आबकारी विभाग के इस कथित “हफ्ता तंत्र” पर शिकंजा कस पाएगा?
या फिर छोटे व्यापारियों की आवाज एक बार फिर दबा दी जाएगी?