सीमांकन के लिए 10 महीने से परेशान किसान, राजस्व विभाग की उदासीनता उजागर

कवर्धा। कबीरधाम जिले के कुकदुर तहसील में सीमांकन प्रक्रिया की धीमी गति और लापरवाही से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला पंडरिया निवासी विमल बरगाह का है, जो पिछले 10 महीनों से अपनी भूमि के सीमांकन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
10 महीने से लंबित सीमांकन प्रक्रिया
विमल बरगाह पिता क्षेमभद्र सिंह बरगाह की ग्राम कूलही डोंगरी में स्थित 1.991 हेक्टेयर भूमि (खसरा नंबर 90, 97, 117, 129) के सीमांकन के लिए 18 मार्च 2024 को नायब तहसीलदार, कुकदुर ने राजस्व निरीक्षक को आदेश जारी किया था। इसके बावजूद, अब तक सीमांकन नहीं किया गया।

विमल बरगाह का कहना है कि उन्होंने कई बार राजस्व निरीक्षक से संपर्क किया, लेकिन हर बार आश्वासन देकर टाल दिया गया। हाल ही में जब उन्होंने फिर से संपर्क किया तो अधिकारी ने फोन ही स्विच ऑफ कर दिया।
सीमांकन प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार
कबीरधाम जिले में सीमांकन को लेकर प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
- सीमांकन प्रक्रिया अनावश्यक रूप से लंबी खींची जा रही है, जिससे किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
- राजस्व निरीक्षक और संबंधित अधिकारी सीमांकन कार्य में मनमर्जी से देरी कर रहे हैं।
- कई किसानों का आरोप है कि बिना रिश्वत दिए सीमांकन करवाना मुश्किल हो गया है।
- प्रशासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के बावजूद सीमांकन कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है।
किसान ने SDM को सौंपा आवेदन
लगातार हो रही अनदेखी और मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर किसान विमल बरगाह ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), पंडरिया को आवेदन सौंपा है और अपनी भूमि का सीमांकन जल्द से जल्द कराने की मांग की है।
प्रशासनिक उदासीनता कब तक?
सीमांकन प्रक्रिया में हो रही देरी और भ्रष्टाचार से सैकड़ों किसान परेशान हैं। किसानों की शिकायतों के बावजूद, प्रशासन की उदासीनता चिंता का विषय है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर किसानों को यूं ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर किया जाता रहेगा।