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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू, गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन

इंफाल: हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे मणिपुर में आखिरकार राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक अधिसूचना (Notification) जारी कर दी है। यह कदम मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद उठाया गया है, जिन्होंने 9 फरवरी को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

राष्ट्रपति शासन क्यों लगाया गया?

गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राज्यपाल की रिपोर्ट और उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट हो गया कि राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार शासन चलाने में असमर्थ है। इसलिए, अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है।

हिंसा के बीच लिया गया बड़ा फैसला

मणिपुर में मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। हिंसा को रोकने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी, लेकिन शांति बहाल नहीं हो सकी।

राजनीतिक संकट ने बढ़ाई मुश्किलें

मणिपुर के लिए यह राष्ट्रपति शासन राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आया है। 10 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को राज्यपाल ने अमान्य घोषित कर दिया था, जिससे संवैधानिक संकट की स्थिति बन गई। भाजपा नेतृत्व नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति करने में विफल रहा, जिसके चलते राज्य में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई थी।

राष्ट्रपति शासन के मायने

  • राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य की प्रशासनिक शक्तियां केंद्र सरकार के अधीन हो जाती हैं।
  • राज्यपाल अब राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे।
  • विधानसभा की शक्तियां संसद को हस्तांतरित हो जाएंगी, और यदि संसद सत्र में न हो तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकते हैं।
  • यह शासन अधिकतम 6 महीने तक लागू रहेगा, लेकिन संसद की मंजूरी से इसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

क्या आगे मुख्यमंत्री की नियुक्ति होगी?

भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा ने कहा कि यह ‘सस्पेंडेड एनीमेशन’ की स्थिति है, जिसका अर्थ है कि राज्य में भविष्य में फिर से मुख्यमंत्री नियुक्त किया जा सकता है।

स्थिति सामान्य करने के प्रयास जारी

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य प्रशासन अब सीधे केंद्र सरकार की निगरानी में रहेगा। केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां राज्य में शांति बहाल करने के लिए तेजी से कदम उठा रही हैं।

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