बजट में शिक्षकों-कर्मचारियों की अनदेखी, नाराजगी बढ़ी – शिवेंद्र चंद्रवंशी

कवर्धा। छत्तीसगढ़ सरकार के बजट से प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिवेंद्र चंद्रवंशी ने इसे शिक्षकों और कर्मचारियों की उपेक्षा करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने महज 3% महंगाई भत्ते (DA) की वृद्धि कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली, जबकि कर्मचारियों की अन्य प्रमुख मांगों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।
बजट में शिक्षकों और कर्मचारियों को क्या मिला?
- केवल 3% महंगाई भत्ता, बाकी सभी मांगें उपेक्षित।
- संविलियन प्राप्त शिक्षकों की पुरानी सेवा गणना पर कोई निर्णय नहीं।
- क्रमोन्नति, वेतन विसंगति दूर करने पर सरकार ने चुप्पी साध ली।
- महंगाई भत्ते का एरियर्स, कैशलेस चिकित्सा सुविधा और पूर्ण पेंशन व्यवस्था को भी नजरअंदाज किया गया।
सरकार से थी बड़ी उम्मीदें, लेकिन मिली सिर्फ निराशा
शिवेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को विष्णुदेव सरकार से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन बजट में उनकी किसी भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा,
“कर्मचारी शासन की रीढ़ होते हैं, लेकिन सरकार ने उनकी अनदेखी कर यह साबित कर दिया कि उनकी परेशानियां उसकी प्राथमिकता में नहीं हैं। सुशासन की बात तब तक बेमानी है, जब तक कर्मचारियों का सम्मान और हक सुनिश्चित नहीं किया जाता।”