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चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार की मंजूरी, 2027 में लॉन्च होगा चंद्रयान-4

नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता जुड़ने जा रही है। केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने इस बात की पुष्टि की है। यह महत्वाकांक्षी मिशन जापान के सहयोग से संचालित किया जाएगा और इसके तहत चंद्रमा की सतह का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा।

जापान की मदद से लॉन्च होगा चंद्रयान-5

इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि चंद्रयान-5 मिशन के लिए भारत को तीन दिन पहले ही आधिकारिक मंजूरी मिली है। यह मिशन जापान के सहयोग से संचालित किया जाएगा और इसके तहत चंद्रमा की सतह का विश्लेषण करने के लिए 250 किलोग्राम का रोवर भेजा जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की संरचना, खनिजों और सतह की विशेषताओं का अध्ययन करना होगा।

2027 में लॉन्च होगा चंद्रयान-4

इसरो अध्यक्ष ने यह भी जानकारी दी कि चंद्रयान-4 मिशन 2027 में लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा से नमूने एकत्र कर पृथ्वी पर वापस लाना होगा। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी, क्योंकि यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय मिशन चंद्रमा से नमूने पृथ्वी पर लाएगा।

चंद्रयान मिशनों की सफलता

इससे पहले, इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। इस मिशन के तहत 25 किलोग्राम का रोवर ‘प्रज्ञान’ चंद्रमा की सतह पर भेजा गया था। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की थी, जिससे भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया था।

चंद्रयान-5 मिशन से भारत को क्या मिलेगा?

चंद्रयान-5 मिशन के तहत भेजा जाने वाला 250 किलोग्राम का रोवर चंद्रमा की सतह पर नई खोज करेगा। इस मिशन से वैज्ञानिकों को चंद्रमा की भौगोलिक संरचना, खनिज संसाधनों और वहां मौजूद संभावित जल स्रोतों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम लगातार नए आयाम छू रहा है और चंद्रयान-5 की मंजूरी के साथ यह एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में इसरो की इन परियोजनाओं से भारत का अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र और मजबूत होगा।

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