CGPSC घोटाला: उद्योगपति श्रवण गोयल के बेटे और बहू की जमानत याचिका खारिज

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में गिरफ्तार उद्योगपति श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका को राहत नहीं मिली है। CBI की विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। सोमवार को हुई सुनवाई में CBI ने यह दलील दी कि जमानत मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है और साक्ष्य नष्ट होने का खतरा है।
CBI ने किया जमानत याचिका का विरोध
CBI ने कोर्ट में दलील दी कि:
✔️ शशांक गोयल और भूमिका इस घोटाले में सीधे संलिप्त हैं।
✔️ यदि उन्हें जमानत दी जाती है, तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
✔️ घोटाले से जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्य अभी एकत्र किए जा रहे हैं।
विशेष न्यायाधीश लीलाधर साय यादव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
क्या है CGPSC घोटाला?
यह घोटाला 2020 से 2022 के बीच हुई छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती परीक्षाओं से जुड़ा है। आरोप है कि:
📌 डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य उच्च पदों पर रिश्तेदारों को अनुचित तरीके से चयनित किया गया।
📌 CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी ने प्रभावशाली नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के परिजनों को नौकरी दिलाने के लिए हेरफेर किया।
📌 CBI ने पहले ही टामन सिंह सोनवानी और उद्योगपति श्रवण गोयल को गिरफ्तार कर लिया है।
CBI की जांच में क्या सामने आया?
🔹 2020 और 2021 में CGPSC ने क्रमशः 175 और 171 पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित की।
🔹 2022 की प्री-एग्जाम में 2,565 अभ्यर्थी पास हुए, लेकिन चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हेरफेर के आरोप लगे।
🔹 CBI इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है और इसमें और गिरफ्तारियों की संभावना है।
आगे की कार्रवाई
CBI अब मामले से जुड़े अन्य अधिकारियों, नेताओं और परीक्षार्थियों की भूमिका की जांच कर रही है। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।