कबीरधाम पुलिस का बड़ा एक्शन: उड़ीसा बॉर्डर से जुड़े गांजा तस्करी नेटवर्क की कमर तोड़ी

ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से हो रही थी नशे की खरीद-फरोख्त, साइबर सेल की मदद से तीन आरोपी गिरफ्तार
कवर्धा। कबीरधाम पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई करते हुए उड़ीसा बॉर्डर से संचालित गांजा तस्करी के एक संगठित नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक ऑनलाइन पेमेंट के जरिए गांजा खरीदने में शामिल था।
यह मामला इसलिए अहम है क्योंकि पुलिस पहली बार किसी तस्करी नेटवर्क तक डिजिटल सबूतों के आधार पर पहुंचने में कामयाब हुई है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, कॉल डिटेल्स और लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए इस गिरोह की परतें खुलीं, जिसके बाद कबीरधाम पुलिस ने इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए तेजी से कार्रवाई की।
पहली गिरफ्तारी से बड़ा खुलासा
मामले की शुरुआत 07 जनवरी 2025 को हुई थी, जब राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर चौकी दशरंगपुर, थाना पिपरिया के अंतर्गत पुलिस ने एक संदिग्ध कार को रोका। तलाशी में पुलिस को 6.320 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ। इस दौरान मौके पर ही दो तस्करों—धनराज पवार और मोहम्मद इरफान खान—को गिरफ्तार किया गया था।
जब्त सामान की सूची:
- गांजा – 6.320 किलोग्राम (कीमत ₹63,200/-)
- हुंडई वेन्यु कार (CG-07-BX-5675) (कीमत ₹6,00,000/-)
- तीन मोबाइल फोन (कुल कीमत ₹24,000/-)
- कुल बरामद सामग्री की कीमत – ₹6,87,200/-
डिजिटल सबूतों ने खोली तस्करी की कड़ी
गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ और साइबर सेल द्वारा किए गए डिजिटल डेटा विश्लेषण से पता चला कि यह नेटवर्क उड़ीसा से गांजा मंगवाकर छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में सप्लाई कर रहा था। इसके लिए ऑनलाइन पेमेंट किए जा रहे थे।
तीसरा आरोपी ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे
इस केस में सबसे बड़ी कड़ी जुड़ी शिवम यादव नामक युवक से, जो उड़ीसा से गांजा खरीदने के लिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर रहा था। पुलिस की साइबर सेल टीम ने उसके मोबाइल डेटा को ट्रेस किया और आखिरकार उसे 26 फरवरी 2025 को गिरफ्तार कर लिया। शिवम ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह लंबे समय से इस तस्करी में शामिल था और डिजिटल पेमेंट के जरिए गांजा मंगवा रहा था।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 04 मार्च 2025 तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
कबीरधाम पुलिस की सबसे बड़ी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS) के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई को अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स-रोधी ऑपरेशन माना जा रहा है।
इस केस की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारी:
- पुलिस अधीक्षक – श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS)
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक – श्री पुष्पेंद्र बघेल एवं श्री पंकज पटेल
- एसडीओपी – श्री प्रतीक चतुर्वेदी एवं श्री कृष्ण कुमार चंद्राकर
- साइबर सेल प्रभारी – निरीक्षक मनीष मिश्रा
- जांच अधिकारी – उपनिरीक्षक रजनीकांत दिवान