ट्रंप का कड़ा कदम: वेनेजुएला के 200 से ज्यादा गैंग सदस्यों को भेजा अल सल्वाडोर की हाई-सिक्योरिटी जेल

वॉशिंगटन/सैन सल्वाडोर। अमेरिका में अवैध प्रवासियों और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन ने वेनेजुएला के कुख्यात आपराधिक गिरोह ट्रेन डी अरागुआ के 238 कथित सदस्यों को डिपोर्ट कर अल सल्वाडोर भेज दिया है। इन्हें दुनिया की सबसे सुरक्षित और कठोर जेलों में से एक CECOT (Centro de Confinamiento del Terrorismo) में रखा गया है।
अमेरिका ने लिया सख्त फैसला
अमेरिकी प्रशासन लंबे समय से गिरोहों और अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने की रणनीति पर काम कर रहा था। ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भी ऐसे अपराधियों को बाहर निकालने के कड़े फैसले लिए थे। अब, चुनावी माहौल के बीच यह कदम उनकी सख्त आव्रजन नीति को दोबारा मजबूत करता दिख रहा है।
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति ने दी जानकारी
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने खुद इस खबर की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने इन अपराधियों को उनके देश भेजा है और इसके लिए एक निश्चित शुल्क का भुगतान भी किया जाएगा। बुकेले ने कहा, “अमेरिका हमें कम पैसे देगा, लेकिन हमारे लिए यह राशि भी मायने रखती है।”
क्या है CECOT जेल?
CECOT को दुनिया की सबसे सुरक्षित और सबसे कठोर जेलों में गिना जाता है। यह अल सल्वाडोर में स्थित एक विशेष कारागार है, जिसे खतरनाक अपराधियों को रखने के लिए तैयार किया गया है। यहां कड़ी निगरानी और अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था है।
वेनेजुएला का कुख्यात गिरोह – ट्रेन डी अरागुआ
ट्रेन डी अरागुआ वेनेजुएला का सबसे बड़ा आपराधिक गिरोह माना जाता है, जो मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और संगठित अपराधों में शामिल है। अमेरिका को डर था कि इसके सदस्य देश में रहकर अपराधों को अंजाम दे सकते हैं।
सख्ती से निपटने के संकेत
इस कार्रवाई से साफ है कि ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवासियों और अपराधियों पर कोई नरमी नहीं बरतने वाला। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में अमेरिका अन्य देशों के अपराधियों को भी इसी तरह निर्वासित कर सकता है।
इस फैसले के बाद अमेरिका और अल सल्वाडोर की सरकारें मिलकर अपराध नियंत्रण के लिए और सख्त कदम उठा सकती हैं। हालांकि, कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं, लेकिन प्रशासन इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम बता रहा है।