रायपुर: पुलिस ने भर्ती घोटाले के बड़े रैकेट का किया भंडाफोड़, मास्टरमाइंड समेत छह गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में रायपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी देवेंद्र जोशी और उसकी पत्नी झगीता जोशी समेत गिरोह के चार अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस गिरोह ने 60 से अधिक बेरोजगार युवाओं से करीब 5 करोड़ रुपये की ठगी की थी।
गिरफ्तार आरोपी और उनका नेटवर्क
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में नफीज आलम (कोरबा), हलधर बेहरा (रायगढ़), सोमेश दुबे (गरियाबंद) और स्वप्निल दुबे (रायपुर) शामिल हैं। इनमें से स्वप्निल दुबे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तकनीशियन-I के पद पर कार्यरत है। पुलिस के अनुसार, गिरोह ने फर्जी नियुक्ति पत्र और मंत्रालय की फर्जी ईमेल आईडी बनाकर बेरोजगारों को ठगा।
कैसे हुआ खुलासा?
पीड़िता अंजना गहिरवार ने शिकायत दर्ज कराई कि 2021 में जब वह अपने मौसा-मौसी (देवेंद्र और झगीता जोशी) के घर आई थी, तब उसे सरकारी नौकरी का झांसा दिया गया। नौकरी दिलाने के नाम पर उससे और अन्य पीड़ितों से 25-25 लाख रुपये लिए गए। जब उन्हें नौकरी नहीं मिली और पैसे वापस मांगे गए, तो आरोपियों ने बहाने बनाना शुरू कर दिया।
गिरोह का तरीका
यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का लालच देकर अलग-अलग विभागों के फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। सरकारी अधिकारियों से पहचान होने का दावा कर उम्मीदवारों को सरकारी दफ्तरों तक ले जाकर विश्वास में लेता था। रेलवे कर्मचारी स्वप्निल दुबे बेरोजगारों की फर्जी वेरिफिकेशन करता था और उन्हें मंत्रालय के नाम से भेजे गए फर्जी नियुक्ति पत्र थमाए जाते थे।
पुलिस की कार्रवाई और जब्त संपत्ति
पुलिस ने मास्टरमाइंड देवेंद्र जोशी और झगीता जोशी को गिरफ्तार करने के बाद गिरोह के अन्य सदस्यों को भी धर दबोचा। गिरोह के एक अन्य सदस्य विकास शर्मा की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है।
जब्त संपत्ति:
- सोना: 4 सिक्के, 1 हार, 1 बिंदिया
- इलेक्ट्रॉनिक सामान: 3 मोबाइल, 2 एसी, 1 फ्रिज, 2 पंखे, 1 होम थिएटर
- वाहन: 1 स्कॉर्पियो, 1 स्कूटी
- नकदी: बैंक खातों में जमा 15 लाख रुपये होल्ड किए गए
- भूमि: सोनपैरी, टेकारी और कमल विहार में खरीदी गई जमीन पर रोक लगाई गई
फरार आरोपियों की तलाश जारी
सिविल लाइंस थाना पुलिस अब तक 20 से अधिक पीड़ितों से पूछताछ कर चुकी है। जांच में नए सबूत मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि गिरोह के अन्य सदस्य भी इस ठगी में शामिल थे। फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
पुलिस की इस कार्रवाई से राज्य में भर्ती घोटालों के खिलाफ सख्त संदेश गया है, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि ऐसे जालसाज किस हद तक बेरोजगारों को ठगने में कामयाब हो रहे हैं।