एसडीएम से बदसलूकी पर सियासी घमासान: कांग्रेस ने उठाए सुशासन पर सवाल, BJP ने कहा—यह सिर्फ टक्कर का मामला

दुर्ग। पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र में 24 जुलाई की रात एसडीएम हितेश पिस्दा के साथ हुई बदसलूकी की घटना ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस ने इसे सीधे तौर पर प्रदेश सरकार के सुशासन पर हमला बताया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने घटना को केवल दो गाड़ियों के बीच की मामूली टक्कर करार दिया है।
कांग्रेस का कहना है कि शराब के नशे में धुत युवकों ने एसडीएम की गाड़ी को टक्कर मारी और खुद को भाजपा युवा मोर्चा से जुड़ा बताया। जब एसडीएम ने अपना परिचय दिया, तब भी आरोपी बदसलूकी से बाज नहीं आए। फोन छीनने की कोशिश तक की गई।
कांग्रेस का आरोप— सत्ता के नशे में चूर हैं भाजपाई
कांग्रेस के दुर्ग जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने तीखा बयान देते हुए कहा—
“प्रदेश में कैसा सुशासन है कि एक सब डिविजनल मजिस्ट्रेट तक सुरक्षित नहीं है? सत्ता के नशे में चूर भाजपाई अब सरकारी अफसरों से भी मारपीट पर उतर आए हैं। शराब बिक्री में लिप्त ये लोग अब खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। दोषियों को तत्काल पार्टी से बाहर किया जाए और सरकार को मौनव्रत तोड़कर जवाब देना चाहिए।”
BJP की सफाई— केवल दो कारों की टक्कर थी
दूसरी ओर, भाजपा के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा—
“यह जातिगत या साजिशन घटना नहीं थी। दो कारों की आपसी टक्कर के बाद विवाद बढ़ गया। भाजपा एक अनुशासित पार्टी है, यदि किसी ने गलती की है तो संगठन उस पर उचित कार्रवाई करेगा।”
क्या हुआ था 24 जुलाई की रात?
एसडीएम हितेश पिस्दा, दफ्तर का काम निपटाकर लौट रहे थे। रात के वक्त पोटिया चौक के पास तीन युवकों ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी। विवाद बढ़ा तो आरोपियों ने बदसलूकी शुरू कर दी। एसडीएम का दावा है कि उन्होंने कई बार अपना परिचय दिया, फिर भी आरोपी नहीं रुके।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
एसडीएम ने घटना की शिकायत पद्मनाभपुर थाना में दर्ज कराई। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 25 जुलाई को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया। हालांकि अब आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं।
सियासी संग्राम तेज
कांग्रेस अब खुलकर हमलावर है और भाजपा सरकार के सुशासन पर सवाल उठा रही है। इस पूरे मामले को लेकर आने वाले दिनों में राजनीतिक बयानबाज़ी और तेज़ होने की संभावना है।