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पंडरिया निकाय चुनाव: कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने, आरोप-प्रत्यारोप से गरमाई सियासत

रायपुर/पंडरिया। छत्तीसगढ़ के पंडरिया नगर पालिका चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जबरदस्त सियासी घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस ने भाजपा पर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन, मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे और शराब बांटने का आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर गुंडागर्दी, हिंसा और मतदाताओं को डराने-धमकाने का पलटवार किया। दोनों ही दलों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रशासन और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस का आरोप: भाजपा ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए बांटे पैसे और शराब

कांग्रेस ने रायपुर स्थित राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर निकाय चुनाव में धांधली करने और प्रशासन पर दबाव डालने के आरोप लगाए। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा अपनी संभावित हार को भांप चुकी थी, इसलिए उसने पंडरिया सहित कई निकायों में मतदाताओं को पैसे और शराब देकर प्रभावित करने की कोशिश की।

उन्होंने दावा किया कि विधायक भावना बोहरा के संरक्षण में एक पिकअप वाहन से 200 नग लिफाफों में रुपए और शराब की बोतलें बांटी जा रही थीं, जिसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पकड़कर पुलिस को सौंपा। हालांकि, कांग्रेस का आरोप है कि विधायक के दबाव में पुलिस ने बाद में गाड़ी और आरोपी को छोड़ दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि वार्ड नंबर 9 में भाजपा नेताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिमा चंद्रवंशी के देवर के साथ मारपीट करवाई और वार्ड नंबर 16 के भाजपा प्रत्याशी नरोत्तम साहू के घर पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले को लेकर चुनाव आयोग और डीजीपी से शिकायत करेगी।

भाजपा का पलटवार: कांग्रेस बौखलाई, चुनावी हिंसा में लिप्त

वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। विधायक भावना बोहरा ने कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस हार के डर से झूठे आरोप लगा रही है और चुनावी माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रही है।

भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी नरोत्तम साहू के घर पर हमला कर उनके सिर पर वार किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा, भाजपा महिला प्रत्याशी के साथ भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अभद्रता करने और उन्हें डराने-धमकाने की शिकायत दर्ज कराई गई है।

विधायक भावना बोहरा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में पंडरिया में अवैध कारोबार, भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी चरम पर थी, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इन पर अंकुश लगा है। उन्होंने दावा किया कि उनकी ईमानदार छवि कांग्रेस को रास नहीं आ रही, इसलिए विपक्ष उन पर झूठे आरोप लगा रहा है।

सियासी घमासान में प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

इस पूरे घटनाक्रम के बीच प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस ने पुलिस पर भाजपा नेताओं के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा का कहना है कि प्रशासन ने कांग्रेस की हिंसा पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

अब कांग्रेस ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग और डीजीपी से शिकायत करने की घोषणा की है। वहीं, भाजपा का कहना है कि वह भी कांग्रेस के झूठे आरोपों को लेकर कानूनी कार्रवाई करेगी।

जनता के लिए मुद्दा विकास या राजनीतिक लड़ाई?

इस पूरे विवाद के बीच पंडरिया की जनता के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है या यह महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह गया है। जनता चाहती है कि विकास कार्यों पर ध्यान दिया जाए, न कि सियासी उठापटक पर।

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