कवर्धा विशेषछत्तीसगढ़ प्रादेशिक

“सड़क नहीं, तो वोट नहीं” – बुनियादी सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों का चुनाव बहिष्कार

कवर्धा। बोड़ला विकासखंड के ग्राम तीलाईभाट के ग्रामीणों ने इस बार होने वाले पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी बुनियादी जरूरत – सड़क निर्माण पूरा नहीं होता, वे किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेंगे। वर्षों से सड़क की समस्या झेल रहे ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। उन्होंने इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

बीमार मरीजों को खाट पर ले जाने मजबूर ग्रामीण

ग्राम तीलाईभाट के निवासियों के लिए सड़क न होना एक गंभीर समस्या बन चुकी है। गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है, जिससे मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों को मजबूरन खाट पर उठाकर ले जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में हालात और भी खराब हो जाते हैं, जब कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना असंभव हो जाता है।

ग्रामीणों के अनुसार, स्कूल जाने वाले बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार बच्चे फिसलकर गिर जाते हैं, जिससे वे चोटिल हो जाते हैं। सड़क के अभाव में गांव में कोई परिवहन सुविधा भी उपलब्ध नहीं है, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है।

स्वीकृत राशि के बाद भी नहीं बना सड़क, प्रशासन पर आक्रोश

ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए पहले ही राशि स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। कई बार शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बावजूद मांगों को नजरअंदाज किया गया। प्रशासन की इस उदासीनता से आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने अब चुनाव बहिष्कार का रास्ता अपनाया है।

कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जताया विरोध, भजन-कीर्तन कर करेंगे प्रदर्शन

अपनी मांगों को लेकर सैकड़ों ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे और कलेक्टर कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जाए, जिससे उनकी परेशानियों का समाधान हो सके।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो वे मतदान केंद्रों से दूर टेंट लगाकर भजन-कीर्तन करेंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

प्रशासन ने दिया आश्वासन, लेकिन ग्रामीण अडिग

विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय लिया जाएगा, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि वे आश्वासनों पर अब भरोसा नहीं करेंगे। जब तक सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं होता, वे किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे।

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