छिंदीडीह वनांचल में बाघ की दस्तक से दहशत, दो मवेशियों का बना शिकार — ग्रामीणों में डर का माहौल

कवर्धा। पंडरिया से करीब 50 किलोमीटर दूर छिंदीडीह वन क्षेत्र में बाघ जैसी हिंसक वन्य प्राणी की मौजूदगी की आशंका ने ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। बीते दिनों क्षेत्र में एक गाय और एक बकरी के शिकार की घटनाएं सामने आने के बाद पशुपालकों और किसानों में भय व्याप्त है। अब जंगल से लगे गांवों में मवेशियों को चराने ले जाना भी जोखिम भरा हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, छिंदीडीह के जंगलों से सटे क्षेत्रों में बीते दो-तीन रातों से ग्रामीणों ने अजीबोगरीब आवाजें सुनी हैं और कुछ लोगों ने किसी बड़े जानवर की हलचल भी देखी है। इसी बीच एक किसान की गाय और एक महिला की बकरी को अज्ञात वन्य प्राणी ने निवाला बना लिया। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शिकार की गई जगह का निरीक्षण किया।
वन अमले ने घटनास्थल पर मिले पैरों के निशानों की जांच शुरू कर दी है। कवर्धा के वनमण्डलाधिकारी (DFO) निखिल अग्रवाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमला बाघ ने किया या तेंदुए ने, लेकिन दोनों ही संभावनाएं बनी हुई हैं। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों की मदद से पदचिन्हों और अन्य संकेतों की पुष्टि की जा रही है, जिसके आधार पर हमलावर वन्य प्राणी की पहचान की जाएगी।
गांवों में मुनादी, गश्त बढ़ी, कैमरा ट्रैप से निगरानी
सावधानी के तौर पर वन विभाग ने गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे आवश्यक कार्य के बिना जंगल की ओर न जाएं और रात के समय अपने मवेशियों को घर से बाहर न रखें। वहीं, वन विभाग की टीमों ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और कैमरा ट्रैप सहित अन्य तकनीकी संसाधनों से निगरानी तेज कर दी गई है।
इस घटना ने छिंदीडीह सहित आसपास के वनांचल में रह रहे लोगों को पशुधन की सुरक्षा के साथ-साथ अपनी जान की हिफाजत को लेकर सतर्क कर दिया है। ग्रामीण अब प्रशासन और वन विभाग से अपेक्षा कर रहे हैं कि जल्द से जल्द हमलावर प्राणी की पहचान कर उसकी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाया जाए, ताकि क्षेत्र में व्याप्त भय का माहौल समाप्त हो सके।