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कवर्धा: शिक्षा व्यवस्था में बीईओ का कड़ा रुख, निरीक्षण के दौरान 7 स्कूल बंद मिले, 44 शिक्षकों को शो-काज नोटिस

कवर्धा। शिक्षा व्यवस्था में सख्त अनुशासन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कवर्धा विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) संजय जायसवाल ने आज तड़के सुबह 7:00 बजे एक जबरदस्त औचक निरीक्षण अभियान की शुरुआत की। उनके नेतृत्व में गठित टीम ने कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र के 14 स्कूलों का निरीक्षण किया, जिसमें से 7 स्कूलों को बंद पाया गया। इस लापरवाही पर बीईओ ने कड़ा कदम उठाते हुए सभी 7 प्रधानपाठकों और 44 शिक्षकों को तत्काल शो-काज नोटिस जारी कर दिया।

शिक्षा के प्रति बीईओ का गंभीर रुख

बीईओ संजय जायसवाल का मानना है कि शिक्षा केवल एक पेशेवर कार्य नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है, जिसे गंभीरता से निभाना चाहिए। उनका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लापरवाही को खत्म करना और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। आज के निरीक्षण के दौरान, जब स्कूलों को बंद पाया गया, तो उन्होंने इसे सख्ती से लिया। उन्होंने कहा, “शिक्षा में लापरवाही का कोई स्थान नहीं है, यह बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है।”

औचक निरीक्षण का महत्व और बीईओ का सतत प्रयास

बीईओ संजय जायसवाल एक अनुशासित अधिकारी है, जो समय-समय पर बिना किसी पूर्व सूचना के विद्यालयों का निरीक्षण करते हैं। उनका यह कदम शिक्षकों में जवाबदेही की भावना उत्पन्न करता है और यह सुनिश्चित करता है कि स्कूलों में शैक्षणिक कार्यों में कोई भी कमी न हो। वह मानते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार तभी संभव है, जब संस्थान और शिक्षक दोनों जिम्मेदारी से कार्य करें।

बीईओ का कड़ा संदेश

बीईओ ने अनुपस्थित शिक्षकों को शो-काज नोटिस थमा कर कड़ा संदेश दिया और कहा, “अगर शिक्षकों या प्रधानपाठकों की ओर से स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं मिलता है तो उनके एक दिन का वेतन की कटौती की जाएगी। यह कार्रवाई शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने और स्कूलों में अनुशासन लाने के लिए जरूरी है।”

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