उफनती नदियों और घने जंगलों को पार कर पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने कांवड़ियों संग किया गौरकांपा तक का सफर, डॉ. रमन सिंह ने दी शुभकामनाएं

– बोल बम के जयघोष से गूंजा पंडरिया विधानसभा क्षेत्र, ग्रामवासियों ने पुष्पवर्षा कर किया स्वागत
कवर्धा। छत्तीसगढ़ की समृद्धि और जनता के सुख-शांति की कामना लिए मां नर्मदा मंदिर अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक 151 किमी की कांवड़ यात्रा पर निकलीं पंडरिया विधायक भावना बोहरा और उनके साथ लगभग 300 कांवड़ यात्रियों ने रविवार को यात्रा के चौथे दिन गौरकांपा तक की दूरी तय की। इस दौरान उन्होंने उफनती नदियों, घने जंगलों और पहाड़ी रास्तों को पार करते हुए अपनी अडिग आस्था और शिवभक्ति का परिचय दिया।
भक्तों के उत्साह और शिव नाम के जयकारों से भक्ति में सराबोर इस यात्रा का दूसरा पड़ाव लम्हनी से वन ग्राम महमाई रहा, जहां बारिश की वजह से नदी में आई बाढ़ के चलते सभी यात्रियों ने रात्रि विश्राम किया। अगले दिन सुबह विधिवत नदी की पूजा-अर्चना के बाद यात्रा पुनः आरंभ हुई। यात्रा की कठिनाइयों के बीच भी शिवभक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ।
विधानसभा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस पावन यात्रा के लिए पंडरिया विधायक भावना बोहरा को फोन कर शुभकामनाएं दीं और शिवभक्ति की इस पहल के लिए उनका उत्साहवर्धन किया।
यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रियों का खुड़िया चौक, दुल्लापुर, डोंगरिया, डिंडौरी, नवरंगपुर, राम्हेपुर और गौरकांपा में भव्य स्वागत हुआ। ग्रामवासियों के साथ भाजपा पदाधिकारियों, युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं, शिवभक्तों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पुष्पवर्षा कर यात्रियों का अभिनंदन किया।

भावना बोहरा ने कहा कि, “यह यात्रा छत्तीसगढ़ के सुख-शांति और समृद्धि की कामना का प्रतीक है। हमारे साथ चल रहे सभी कांवड़ यात्री भगवान भोलेनाथ के प्रति अपार श्रद्धा और विश्वास के साथ यात्रा कर रहे हैं। हर दिन यह यात्रा न केवल दूरी तय कर रही है, बल्कि हमारे विश्वास को और दृढ़ कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “डॉ. रमन सिंह जी ने फोन पर बात कर हम सभी का उत्साहवर्धन किया। यह हमारे लिए गौरव की बात है। साथ ही रास्ते में मिले अपार स्नेह, स्वागत और समर्थन के लिए मैं समस्त ग्रामवासियों, भाजपा कार्यकर्ताओं और सभी शिवभक्तों का आभार व्यक्त करती हूं। यही आस्था हमारी ऊर्जा है जो हमें भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।”
इस यात्रा को लेकर क्षेत्र में उत्सव का माहौल है। कांवड़ में एक ओर माँ नर्मदा का पवित्र जल है तो दूसरी ओर शिवभक्ति की वह अविरल धारा, जो इस लोक परंपरा को एक जनआस्था के पर्व में बदल रही है। बोल बम के गगनभेदी नारों के साथ यह यात्रा सनातन संस्कृति, छत्तीसगढ़ी भाव-परंपरा और श्रद्धा की अद्भुत मिसाल बन गई है।