
कवर्धा। थाना तरेगांव क्षेत्र में दो वर्ष पूर्व हुए अंधे कत्ल की गुत्थी आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में शामिल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला 07 अप्रैल 2023 को ग्राम झुरगीदादर और ग्राम बरपानी के बीच खैरवार पहाड़ी के पगडंडी मार्ग पर मिले एक अज्ञात शव से जुड़ा था, जिसकी पहचान बाद में ग्राम शंभुपीपर निवासी सुंदर सिंह धुर्वे के रूप में हुई थी।
हत्या के पीछे छिपा था अवैध संबंधों का संदेह
हत्या के मामले की जांच के दौरान पुलिस को मृतक और आरोपी की पत्नी के बीच अवैध संबंधों के संदेह की बात सामने आई। जांच में पता चला कि ग्राम बरपानी निवासी सुक्कल सिंह परते (56 वर्ष) को शक था कि उसकी पत्नी और सुंदर सिंह धुर्वे के बीच संबंध हैं। इसी संदेह के चलते उसने सुनसान इलाके में टंगिया और चाकू से वार कर सुंदर सिंह धुर्वे की हत्या कर दी और शव को वहीं छोड़ दिया।
पुलिस ने ऐसे सुलझाया मामला
इस पुराने और जटिल हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS) ने टीम गठित कर मामले की जांच तेज करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल एवं श्री पंकज पटेल के मार्गदर्शन और एसडीओपी बोड़ला श्री अखिलेश कौशिक के पर्यवेक्षण में थाना तरेगांव जंगल पुलिस की विशेष टीम बनाई गई।
गहन विवेचना के बाद धारा 302 भा.दं.सं. के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया और संदेह के आधार पर आरोपी सुक्कल सिंह परते को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर अपराध स्वीकार कर लिया।
हत्या के हथियार भी बरामद
आरोपी ने खुलासा किया कि हत्या के बाद चाकू को जंगल के नाले में फेंक दिया था, जबकि टंगिया को घर में छिपा दिया था। पुलिस ने आरोपी के बताए स्थान से टंगिया बरामद कर ली, लेकिन घटना के दो साल बीत जाने और नाले में बाढ़ आने के कारण चाकू बरामद नहीं हो सका।
आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया
पुलिस ने आज, 08 फरवरी 2025 को आरोपी सुक्कल सिंह परते को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्रवाई
इस पूरे मामले की जांच और कार्रवाई पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (IPS) के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल एवं पंकज पटेल के मार्गदर्शन और एसडीओपी बोड़ला अखिलेश कौशिक के पर्यवेक्षण में की गई। इस केस को निरीक्षक संग्राम सिंह धुर्वे, सहायक उपनिरीक्षक बोनीफास मिंज, प्रधान आरक्षक 398 विरेन्द्र बंजारे, आरक्षक 468 राजेंद्र मराबी एवं आरक्षक 573 टेकलाल धुर्वे की टीम ने सुलझाया।