कवर्धा विशेषचर्चा में हैछत्तीसगढ़ प्रादेशिक

कृषि भूमि पर अवैध प्लॉटिंग बेधड़क जारी… आंख मूंदे बैठी है प्रशासन…ये अवैध प्लॉटिंग प्रशासन के लिए खड़ी कर रही कई चुनौतियां?

कवर्धा। कबीरधाम जिले के कृषि भूमि पर हो रही अवैध प्लॉटिंग और कब्जे का मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है। 32 वर्षीय किसान ने अपनी कृषि भूमि (खसरा नंबर 415/8) पर भू-माफिया द्वारा अवैध कब्जे और प्लॉटिंग के खिलाफ प्रशासन से शिकायत की थी। लेकिन, शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

क्या है मामला?

शिकायतकर्ता के अनुसार, उनकी 3.32 एकड़ भूमि पर भू-माफिया द्वारा नियमों को ताक पर रखकर प्लॉटिंग का खेल शुरू कर दिया है। यह भूमि पहले से विवादित है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बावजूद इसके, भू-माफिया जमीन काटकर छोटे-छोटे प्लॉट बना रहे हैं।

आंख मूंद कर जारी हो रहे नकल

कवर्धा शहर एवं आसपास लगे गांवों में अवैध प्लाटिंग का कारोबार खूब फलफूल रहा है। पटवारी भी ऐसे जमीन की रजिस्ट्री के लिए टुकड़ों में नकल जारी कर दे रही है। सोचनीय विषय यह है कि ऐसे प्लाटिंग पर पटवारी द्वारा भूमि का निरीक्षण नहीं किया जाता और नकल जारी कर दिया जाता है। भूमाफियाओं द्वारा ज्यादातर प्लॉटिंग में रोड मुरमीकरण करके रास्ता बनाकर बिक्री किया जाता है और ऐसे प्लॉट में अगर पटवारी निरीक्षण कर नकल जारी करे तो संभवतः अवैध प्लॉटिंग में अंकुश लगाया जा सकता है।

प्रभाव और चिंता

किसानों का नुकसान: अवैध प्लॉटिंग से किसान की आजीविका पर संकट गहराता जा रहा है। जमीन पर खेती नहीं हो पाने से राजस्व का नुकसान भी हो रहा है।
पर्यावरणीय नुकसान: कृषि भूमि का अंधाधुंध व्यावसायिक उपयोग पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ रहा है।
कानूनी अवहेलना: भू-माफिया न्यायालय के आदेशों और भूमि नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

शिकायतकर्ता की अपील

किसान ने स्पष्ट रूप से प्रशासन से अपील की है कि:

1. अवैध प्लॉटिंग पर तत्काल रोक लगाई जाए।

2. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

3. उनकी जमीन को सुरक्षित रखने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।


प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे कई सवाल

यह पहली बार नहीं है जब इस मुद्दे को उठाया गया हो। इससे पहले भी स्थानीय पोर्टल और समाचार माध्यमों में इस विषय को प्रमुखता से उठाया गया था। लेकिन, प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन ने इन मामलों में चुप्पी साधकर अवैध प्लाटिंग में संलिप्त भूमाफियाओं की हौसले को और बुलंद कर दी है। ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि प्रशासनिक चुप्पी भू-माफिया को और अधिक प्रोत्साहन दे रही है। कहीं ऐसा तो नहीं कि प्रशासन भी रसूखदारों और भूमाफियाओं के ऊंची पहुंच के चलते इसमें कार्यवाही करने से हाथ पीछे खींच रही है।

प्रशासन से कार्यवाही की उम्मीद

कवर्धा के किसान और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि कृषि भूमि की सुरक्षा हो और भू-माफिया पर कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो यह मामला बड़े जनांदोलन का रूप ले सकता है। अवैध प्लॉटिंग न केवल कृषि क्षेत्र को हानि पहुंचा रही है, बल्कि प्रशासनिक विफलता का भी उदाहरण बन रही है। अब यह देखना होगा कि क्या प्रशासन इस मामले में सक्रिय होकर किसानों और पर्यावरण के हित में कार्रवाई करता है, या यह मुद्दा फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from THE PUBLIC NEWS

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading