बलौदाबाजार हिंसा के 14 आरोपियों को मिली जमानत, कलेक्टर और एसपी कार्यालय को किया था आग के हवाले

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में 10 जून 2024 को हुई हिंसा और आगजनी की घटना ने पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा दिया था। इस हिंसा में कलेक्ट्रेट परिसर में तोड़फोड़, आगजनी और भारी विनाश हुआ, जिसके बाद पुलिस ने 187 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अब हाईकोर्ट ने 43 मामलों की सुनवाई के बाद 14 आरोपियों की जमानत मंजूर कर दी है। इस फैसले से भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की जमानत को लेकर भी रास्ता साफ होता दिख रहा है।
घटना का मंजर:
यह हिंसा गिरौदपुरी धाम के महकोनी ग्राम के अमरगुफा में हुई घटना के बाद उग्र भीड़ द्वारा की गई थी। उपद्रवियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय तक को जला दिया था, जो एक दुर्लभ और भयावह घटना थी। आगजनी और तोड़फोड़ के इस हमले में 12.5 करोड़ रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था।
हिंसा का असर:
इस हिंसा में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, और 200 से अधिक वाहनों के साथ दो दमकल की गाड़ियां भी आग के हवाले कर दी गई थीं। एसपी और कलेक्टर कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया था।
जमानत मंजूरी:
हाईकोर्ट ने जिन 14 आरोपियों की जमानत मंजूर की है, उन्हें बलौदाबाजार हिंसा के मामले में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले, उपद्रवियों ने शासकीय संपत्ति के साथ ही बड़ी निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया था, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई थी।