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झूठी धमकी ने परखा कबीरधाम का सुरक्षा तंत्र – पुलिस की तत्परता से नहीं मची अफरा-तफरी

16 अप्रैल 2025 – तारीख तो आम थी, लेकिन दोपहर आते-आते कबीरधाम प्रशासन की धड़कनें तेज़ हो गईं। कवर्धा कलेक्टर कार्यालय के आधिकारिक ई-मेल पर आई एक धमकी ने पूरे जिले को चौंका दिया—”दोपहर 2:30 बजे तक कलेक्टर ऑफिस को RDX से उड़ा दिया जाएगा।”

यह महज़ एक वाक्य नहीं था। यह उस व्यवस्था को चुनौती देने की कोशिश थी, जो आम जनता की सुरक्षा का भरोसा देती है। लेकिन शुक्र है कबीरधाम पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई का, जिसने इस एक वाक्य को आतंक का रूप लेने से रोक दिया।

सायरन, सन्नाटा और सुरक्षा

जैसे ही मेल की जानकारी मिली, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS) ने पूरे अमले को अलर्ट किया।
बम डिस्पोजल स्क्वॉड, स्नीफर डॉग्स, QRT और थाना कवर्धा की फोर्स ने मौके पर पहुँचकर वो किया जो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था—कलेक्टर कार्यालय को खाली कराया गया, चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई, हर कोने को सूंघा गया… लेकिन बम नहीं मिला और अंततः यह सामने आया कि यह धमकी पूरी तरह से झूठी और भ्रामक थी।

झूठी थी धमकी, लेकिन चिंता सच्ची है

साफ हो गया कि यह मेल महज एक शरारती तत्व की करतूत थी, लेकिन ये भी साफ हुआ कि किसी की एक क्लिक से पूरा तंत्र हिल सकता है।
सवाल ये भी है—अगर ऐसी घटनाएं दोबारा हुईं तो क्या हम हर बार इतने ही तैयार रहेंगे?

पुलिस की सतर्कता बनी ढाल

पूरे घटनाक्रम में एक बात और भी साफ नजर आई—कबीरधाम पुलिस की तत्परता और टीमवर्क प्रशंसनीय रहा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल और श्री पंकज पटेल मौके पर डटे रहे और तलाशी कार्य की पल-पल की निगरानी करते रहे।

अब आगे क्या?

साइबर सेल की टीम अब उस ईमेल भेजने वाले की तलाश में जुटी है, जिसने जिले को कुछ घंटों के लिए सांसें थमा दीं। तकनीकी विश्लेषण जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उस व्यक्ति की पहचान हो जाएगी।

जनता से अपील और चेतावनी भी

एसपी धर्मेंद्र सिंह ने साफ कहा है—झूठी धमकी देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
साथ ही आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें, लेकिन जागरूक और सतर्क रहें।

कलम का निष्कर्ष

यह घटना भले ही बिना किसी नुकसान के खत्म हो गई हो, लेकिन यह चेतावनी है—भरोसा और व्यवस्था के बीच की दीवार बहुत पतली है।
शरारती तत्वों के इरादे नाकाम हुए, लेकिन यह ज़िम्मेदारी हमारी भी है कि हम सिर्फ दर्शक नहीं, जागरूक नागरिक बनें।
क्योंकि खतरा जब ईमेल से आ सकता है, तो सुरक्षा हर दिल में होनी चाहिए।

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