श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत संगम बनी भोरमदेव पदयात्रा

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भगवा ध्वज दिखाकर किया शुभारंभ, नर्मदा जल से हुआ बाबा भोरमदेव का जलाभिषेक
कवर्धा। श्रावण मास के प्रथम सोमवार को श्रद्धा, आस्था और भक्ति का अद्वितीय संगम छत्तीसगढ़ के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर की ओर निकली भव्य भोरमदेव पदयात्रा में देखने को मिला। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने पंचमुखी बुढ़ा महादेव में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की और भगवा ध्वज दिखाकर पदयात्रा का विधिवत शुभारंभ किया। वे स्वयं ध्वज लेकर श्रद्धालुओं के साथ पदयात्रा में शामिल हुए।
हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता, शहर गूंजा हर-हर महादेव के जयघोष से

लगभग 18 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में हजारों श्रद्धालु, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक संगठन, विद्यार्थी और आमजन उत्साहपूर्वक शामिल हुए। पूरा मार्ग हर-हर महादेव और बोल बम के उद्घोष से गूंज उठा। श्रद्धालुओं के कदमों और नारों से वातावरण भक्तिमय हो गया।
माँ नर्मदा जल से हुआ बाबा भोरमदेव का जलाभिषेक

इस वर्ष पदयात्रा की विशेषता रही माँ नर्मदा के पावन जल से बाबा भोरमदेव का जलाभिषेक, जिसके लिए प्रशासन ने 1000 विशेष जल पैकेट की व्यवस्था की थी। यह पहल उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के मार्गदर्शन, कलेक्टर गोपाल वर्मा और नगर पालिका अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी के संयुक्त प्रयास से साकार हुई। श्रद्धालुओं और नगरवासियों ने इस अभिनव प्रयास की भूरी-भूरी सराहना की।
राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी हुए शामिल

पदयात्रा में पूर्व कलेक्टर व वर्तमान सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, मुंगेली कलेक्टर कुंदन कुमार, सांसद संतोष पांडेय, कलेक्टर गोपाल वर्मा, एसपी धर्मेंद्र सिंह, वनमंडलाधिकारी निखिल अग्रवाल, सीईओ जिला पंचायत अजय त्रिपाठी, डॉ. सियाराम साहू, सुरेश चंद्रवंशी, ईश्वरी साहू, कैलाश चंद्रवंशी, चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, संतोष पटेल, मनहरण कौशिक, बालका रामकिकंर वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी और आमजन बड़ी संख्या में शामिल हुए।
झांकियों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बंधा मन

पदयात्रा में शिव के विभिन्न रूपों, बाल स्वरूप, नदी यात्रा, और धार्मिक झांकियों ने लोगों को आकर्षित किया। झांकियों ने न केवल श्रद्धालुओं को भावविभोर किया बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति की झलक भी प्रस्तुत की।
सेवा और सत्कार में कोई कमी नहीं

पदयात्रियों के लिए वन विभाग, महिला बाल विकास, इंजीनियर संघ, विद्युत विभाग, पशुधन विकास विभाग, स्कूल संघ सहित दर्जनों संगठनों ने जगह-जगह स्वल्पाहार, जलपान, फल, नींबू पानी, खीर-पूड़ी, जूस और दवाइयों की व्यवस्था की।
कांवड़ियों के स्वागत में पुष्पवर्षा, तिलक और अभिनंदन की परंपरा भी पूरे मार्ग में देखी गई।
स्वास्थ्य व्यवस्था और विश्राम की मुकम्मल व्यवस्था
पदयात्रियों की सुविधा के लिए एम्बुलेंस और प्राथमिक उपचार दल पदयात्रा के साथ-साथ तैनात रहे।
ग्राम राजानवागांव, छपरी और भोरमदेव मंदिर परिसर में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए।
कलेक्टर के निर्देश पर भोरमदेव मंदिर के पास 6 विश्राम भवनों में वाटरप्रूफ टेंट, शौचालय और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और पौधारोपण जैसे संदेशों के साथ पदयात्रा
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने समनापुर में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की सराहना की।
ग्राम छपरी में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण भी किया गया।
पद यात्रियों के उत्साह और जनभागीदारी ने रचा इतिहास

वर्ष 2008 से प्रारंभ हुई यह भोरमदेव पदयात्रा वर्ष दर वर्ष भक्ति, उत्साह और सहभागिता की नई ऊंचाइयों को छू रही है। इस बार की यात्रा ने न केवल धार्मिक आस्था को गहराई दी बल्कि सामाजिक समरसता और जनसंवाद का अनुपम उदाहरण भी प्रस्तुत किया।