
कवर्धा। जिलेभर के आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से संचालित हो रही योजनाएं नौनिहालों को सुपोषित करने और विभिन्न प्रकार के बीमारियों से दूर रखने के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों को सुपोषित करने का प्रयास किया जाता है। महिला बाल परियोजना द्वारा 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन हो रहा है। इसी कड़ी जिले से 25 किमी दूर दसरंगपुर परियोजना सेक्टर इन्दौरी के अंतर्गत ग्राम खपरी में के आंगनबाड़ी क्रमांक 3 में बुधवार को विश्व स्तनपान दिवस मनाया गया।इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता चन्द्रवंशी व कुमत गीता सिन्हा द्वारा गर्भवती महिलाओं व धात्री व गांव की अन्य महिलाओं को प्रोत्साहित कर माँ दूध के महत्व के बारे में बताया गया।
इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता चन्द्रवंशी ने बताया कि नवजात शिशुओं के लिये माँ का दूध अमृत समान है। माँ का प्रथम दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते है। जिसमे बहुत से विटामिन प्रोटीन पाये जाते है यह दूध नवजात शिशुओं को कुपोषण व अतिसार जैसे बीमारियों से बचाता है। स्तनपान करने वाले बच्चें डिब्बे या बाहर के आर्टिफिशियल दूध या दुकान के दुध पाउडर या बेबी पाउडर पीने वाले कि अपेक्षा शारीरिक मानसिक व स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी मजबूत होते है। शिशुओं को जन्म से 6 माह तक केवल माँ का दूध पिलाना चाहिये माँ का पहला दूध पोषण से भरपूर होता है। व शिशु को कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं में टाइप टू डायबिटीज व स्तन कैंसर बीमारी होने की संभावना काफी कम होती है। माताओं को स्वास्थ्य का लाभ मिलता है। इस मौके सहायिका सुरेखा साहू, प्रमिला सिन्हा व अन्य उपस्थित थे।